Monday, October 2, 2017

#पवित्र कार्तिक मास

#पवित्र कार्तिक मास

🕯पवित्र कार्तिक मास🕯

कार्तिक या दामोदर मास सर्वोत्तम, पवित्र और अनंत महिमाओं से पूर्ण मास है । यह विशेषतः भगवान कृष्ण को अति प्रिय है और भक्त-वात्सल्य से परिपूर्ण है । इस मास में कोई भी छोटे से छोटा व्रत भी कई हज़ार गुना अधिक परिणाम देता है ।
स्कंदपुराण के अनुसार-
‘मासानां कार्तिकः श्रेष्ठो देवानां मधुसूदनः।
तीर्थ नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।’
अर्थात्‌ भगवान विष्णु एवं विष्णुतीर्थ के सदृश ही कार्तिक मास को श्रेष्ठ और दुर्लभ कहा गया है।
‘न कार्तिसमो मासो न कृतेन समं युगम्‌।
न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगया समम्‌।’
कहा गया है कि कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सत्युग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
कार्तिक, भगवान कृष्ण को दीप दिखाने का उत्सव है, और माता यशोदा द्वारा रस्सियों से ऊखल में बांधे गए भगवान कृष्ण (दामोदर) का गुणगान करने का मास है ।
कार्तिक (दामोदर) मास में सभी को निम्नलिखित (अनुष्ठानों) कार्यकलापों का पालन करना चाहिए:
१) प्रतिदिन भगवान कृष्ण को घी का दीपक अर्पण करना और दामोदराष्टकम् गाकर उसके तात्पर्य पर चिंतन करना ।
२) सभी को सदैव भगवान हरि का स्मरण करना चाहिए, हरिनाम जप और कीर्तन को बढ़ाना चाहिए ।
३) यथा-संभव वरिष्ठ वैष्णवों से श्रीमद-भागवतम का श्रवण करना । भागवत श्रवण के लिए अन्य व्यर्थ के कार्यों का त्याग कर देना चाहिए । गजेन्द्र मोक्ष जैसी अन्य सम्पूर्ण आत्मसमर्पण जैसी कथाओं का अधिक से अधिक श्रवण, अत्यंत लाभकारी होता है ।
४) एकमात्र कृष्ण प्रसाद ही ग्रहण करना (खाना) चाहिए ।
५) श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा रचित श्री शिक्षाष्टकम का प्रतिदिन उच्चारण तथा मनन करना चाहिए ।
६) श्री रूप गोस्वामी कृत उपदेशामृत का प्रतिदिन पठन करना चाहिए ।
७) तुलसी महारानी को प्रतिदिन जल तथा दीपदान करना चाहिए एवं प्रार्थना करनी चाहिए की वे हमें श्री राधा-कृष्ण के चरणों की सेवा प्रदान करें ।
८) भगवान के लिए स्वादिष्ट पकवानों का भोग लगाना चाहिए ।
९) ब्रह्मचर्य-व्रत का पालन करना चाहिए ।
१०) दैनिक जीवन में तपस्या का आचरण करना चाहिए ।

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